Examine This Report on वशीकरण मंत्र किसे चाहिए
Examine This Report on वशीकरण मंत्र किसे चाहिए
Blog Article
इस तरह करने से ये मंत्र और मिश्रण अभिमन्त्रण हो जाता है.
यह मंत्र व्यक्ति को आपके प्रति आकर्षित करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसके उच्चारण से, आप दूसरे व्यक्ति के दिल में अपने प्रति प्रेम और आकर्षण जगा सकते हैं।
वशीकरण मंत्र: मानवीय संबंधों पर प्रभाव
विधि: पति को वश में करने का यह मन्त्र सवा लाख बार जप करने पर सिद्ध हो जाता है। प्रयोग के समय इसका एक सौ आठ बार जप करें। किसी वस्तु को मंत्राभिषिक्त कर पति को खिला दें। वह सदा आज्ञाकारी बना रहेगा।
यद्यपि कुछ लोग इन मंत्रों का उपयोग सत्य, न्याय और नैतिकता के अनुसार करते हैं, जहां वे उच्च मान्यताओं, सच्ची इच्छा, और सही उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए किए जाते हैं, वहीं अन्य लोग उन्हें अनैतिक और अन्यायपूर्ण मानते हैं। उचित और न्यायसंगत उपयोग के साथ, वशीकरण मंत्रों का उपयोग व्यक्ति के और दूसरे व्यक्ति के बीच संबंधों में विश्वासघात और अन्याय से बचने में सहायता कर सकता है।
वशीकरण मंत्र का उपयोग विभिन्न लोगों द्वारा विभिन्न कारणों से किया जाता है। यह मंत्र निम्नलिखित क्षेत्रों में सहायता प्रदान कर सकता है:
यदि आपको यह वशीकरण मंत्र किसे चाहिए लेख पसंद आया है, तो इसे अपने दोस्तों के साथ साझा करें।
विधि: पहले यह मन्त्र ग्यारह सौ बार जप करके सिद्ध कर लें। फिर जब आँधी चल रही हो तब एक लौंग मुँह में रखकर खुली जगह पर खड़ा होकर इस मन्त्र को एक ही सांस में सात बार जप कर हाथ फैलाकर आँधी की मिट्टी को मुट्ठी में भर लें। फिर इस मिट्टी में मुख में रखी लौग को निकालकर पीस लें और मन्त्र से सात बार अभिमन्त्रित करके जिस भी स्त्री के सिर पर डाला जायेगा, वह जीवनभर के लिए साधक के प्रति मोहित हो जायेगी। फलानी के स्थान पर साध्य स्त्री का नाम लेना चाहिये।
वशीकरण मंत्र का उपयोग करने के लिए कई तरीके हैं। यहां कुछ प्रमुख तरीके दिए गए हैं:
ॐ ताल तुम्बरी दह दह दरै झाल झाल आं आं आं हूं हूं हूं हैं हैं हैं काल कमानी कोटा कमरिया ॐ ठः ठः।
इनके निरंतर प्रयोग से आपके अन्दर का तेज और आकर्षण इतना बढ़ जाता है की आप खुद हैरान रह जायेंगे.
साधक का जो तेज इस साधना के दौरान बनता है वह सब पर अलग प्रभाव छोड़ता है. आइये जानते है मोहिनी वशीकरण साधना के बारे में.
विधि: किसी भी सोमवार को, चार लौंग को पान के पत्ते में लपेटकर अपने मुँह में रखें। इसके बाद, किसी नदी या सरोवर में स्नान करते हुए डुबकी लगाएँ। डुबकी के दौरान, इस मंत्र का इक्कीस बार जाप करें। फिर पानी से बाहर निकलकर मुँह में रखी हुई लौंग को निकालें और उसे धूप दिखाएं। यह लौंग जिसे भी खिला दी जाएगी, वह व्यक्ति साधक के प्रभाव में आ जाएगा।